घड़ी अंतिम आ चला था । प्यार अब भी वही था ।। जो वर्षों से चल रहा था बंधन । ना था कोई उसमे उलझन ।। अपने दायित्वों के कारोबार चलाते । अपने रिश्तों के प्यार निभाते ।। अब भी एक के भूखों में दूसरी की भूख थी । दूसरे के सुखों में एक का सुख था ।। प्यार उम्र के सीमाओं को पार कर रहा था । उम्र के साथ बढ़ रहा,उसके प्यार का संसार था ।। शायद साथ कब छूट पड़े, ये सताता होगा । ये ख्याल उसके प्यारों को बढ़ाता होगा ।। प्यार खत्म नहीं होता हमने सिर्फ सुना था । लालसा थी देखने की,वो अब देख चुका हूं ।। #प्यार #प्यार_का_एहसास #प्यार_की_बाते #प्यार_बदलता_नहीं #प्यारकेसातरंग #Pk_Pankaj