सवाल है कब तक? कब तक तुम खुद को रोके रखोगे इन गुलशन के सहराओं में। जहाँ सब कुछ तो सुरक्षित है। सच तो है, तुम्हे कोई आंच नहीं जहाँ सब कुछ तो सुरक्षित है पर सच है ये भी तुम कांच नहीं जो हाथ लगे टूट जाओगे। तुम हो बहता वो दरिया जो रस्ता नया बनाओगें पर फिर सवाल यही है तुम से आखिर कब तक तुम घबराओगे? ZUBAIDA ZUBI #zubaidazubi #kavita #hindi #motivational #poem