थोड़ी नजदीकियां बढ़ी प्यार और गहरा हो गया, नज़रअंदाज़ करने लगे एक दूसरे की खामियां, खासियत पे ही सारा ध्यान था प्यार जो परवान चढ़ा हुआ था, बस खुशियां ही खुशियां थी गम का नामो निशान न था, वो भी एक वक़्त था, भले अब अतित है पर खास है, और उस वक़्त को दुबारा जीने की आज भी एक आश है । #nazdikiyan