#OpenPoetry मैं जब भी रूठती जाती हूँ हर बार किसी बहाने से तुम मना लेते हो........... यूं ही कभी बेंमतलब सर्द रातों मे थामे हाथ खामोशि मे दो पल बिताने मेरे साथ बहुत दूर निकल आते हो........ अक्सर मैं अच्छी - बुरी, खट्टी - मिठ्ठी,बचकानी सी बेहिसाब बातें करती हूँ और तुम चुप - चाप मुस्कुरा कर मेरी बातें सूना करते हो........... मैं भी अब बस तुम्हे हर तरफ देखती हूँ , तुम्हे सुनती हूँ ,तुम्हे पूजती हूँ ,तुम्हे हर लम्हा सोचती हूँ ....... ख्यालों मे तो तुम भी मुझे देखते हो,मुझे सुनते हो ,मुझे पूजते हो ,मुझे ही सोचते हो.......... फिर सोचती हूँ मैं क्या हकीकत की ज़मी पर भी तुम कभी मुझे यूं सोचते हो.........?? #OpenPoetry #yu_sochte_ho_?? #Chanchal_mann #hindinojoto#shayari#poetry#kavita