चाँदनी रात में देखा था जो हसीन ख़्वाब मैनें । वो मुक्कमल हुआ भी तो अमावस्या की रात ।। हम फ़ना हो गये जब चाँद की तरह वो करती रही अकेले में तारों से बात ।। #ख़वाब