तरसते अरमानों को उनका मुक़ाम मिल जाए आख़िरी पल में मेरी नज़रों को दीदार हो जाए वाबस्ता मिरी इन साँसो का सिर्फ तुमसे जाना आख़िरी लम्हें में 'साँसो' को सुकून मिल जाए बहुत मिल जायेंगे तुम्हें हमसे अच्छे लोग यहाँ मिरी तो आख़िरी चाहत तुम बस ये मिल जाए प्यासा हूँ मुद्दतों से मैं खड़ा सागर किनारे यहाँ डूब जाऊँ मगर प्यास को ये मंज़िल मिल जाए ♥️ Challenge-850 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।