रंगों से परितृप्त इस धरा में, हर रंग का निरूपण है, हृदय आविर्भूत है समस्त रागों से, हर्ष विषाद, भय क्रोध पीड़ा मोह और अंततः वैराग्य... पर तुम,.... श्वेत..... राग रंग के शिरोमणी... प्रत्याक्षी मेरे अनंत प्रेम के साक्षी मेरी हर तपस्या के.... मौन से उठते, और उसमे ही विलीन होते, मेरे अवचेतन के... हाँ तुम ही श्वेत... मेरे साथी भी और सारथी भी... #yqdidi #yqbaba #स्वेत #हिंदी_कविता #आद्यातमिक #spiritual #विष्णुप्रिया #जीवनरंग