आज कल नया काम सिखा हूं रातों को चांद से बाते सरे आम करता हूं और सितारों को अपने पास बुलाकर अपनी जाम के साथ महफिल सजाता हूं चांद अपनी रोशनी देती है और ख्वाब बताती है सितारों को हर एक बताता हूं गाता हूं गीत हवाओ के साथ बिना सुर, बिना लय, बिना ताल के साथ 🌟 ©Rudra Pratap Pandey #rps pandey ki shayri