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जब भी तेरी, उंगली पकड़कर चला, कभी नहीं गिरा। सही र

जब भी तेरी,
उंगली पकड़कर चला,
कभी नहीं गिरा।
सही रास्ता पकड़ा,
और मंजिल पर पहुंचा।
आज तुम नहीं हो,
लेकिन तुम्हारे असुल जिंदा,
उनपर चल कर,
सफलता की मंजिल छूता।

©Anil Kumar Jaswal
  #myfather  अब्र The Imperfect gaTTubaba ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री) Sanju Singh संजय सिंह भदौरिया