झूठ कहा था ना तुमने कि दूर तलक साथ आओगे। झूठ कहा था ना तुमने मेरी नासमझी को भी समझाओगे। झूठ कहा था ना तुमने कि जब गलत हूँ तो बतलाओगे। झूठ कहा था ना तुमने कि मेरे आँसू देख न पाओगे। झूठ कहा था ना तुमने कि गिरूंगी जो झुक हाथ बढ़ाओगे। अबोध_मन//“फरीदा” ©अवरुद्ध मन झूठ कहा था ना तुमने कि दूर तलक साथ आओगे। झूठ कहा था