तुम क्या जानों जामुनी शाम के शामियाने तले कागज़, कलम, दवात से मिलकर गले, तुम्हारी यादों में कितना रोई... लिखने थे इश्क के अफ़साने, चुम्बनों के चर्चे और मिलन के मायने, कहाँ एक लफ्ज़ भी लिख पाई कोरे पन्नों पर बस तुम्हारी तस्वीर उतारी... #दर्द #मनुहार #दरख़्त #yourquote #yourquotedidi #imagesourcegoogle #collabwithme