My feelings बनारस के घटो पे आज भी गंगा ये कहती है यहां संस्कृत भी अपने साथ उर्दू ले के बहती है यहां बिस्मिल रवि शंकर ने बो रक्खें है ऐसे कण के शिवशम्भू के डमरू संग इक शहनाई रहती है - आशीष प्रकाश #firozkhan #firozkhan #bhu