गर स्त्री अपनी आजादी को महज एक चीज के रूप में निहारेगी तो वो कभी उस तक नहीं पहुँच पाएगी जिस दिन उसने आजादी सोच में विचार में हाव भाव में मलंगता में और चरित्र में जब स्वयं समा लेगी वो खुद को फिर स्त्री कहलेगी #आजादपंछी #औरत_की_आज़ादी #समाज_की_हकीकत #समानता #आसमान_की_उडान श्रृंगार❤❤ #उड़नाहैमुझे 🐥🐥 #YourQuoteAndMine Collaborating with Shweta verma #neerajwrites