तपस्विनी,मनस्विनी ,यशस्विनी वसुंधरा। नमन,नमन,नमन तुझे स्वदेश की परम्परा। हिमाद्रि माथ पर सजे, हरा भरा सुवेश है । अपार ईश सम्पदा, विशेष हर प्रदेश है । सुबोधिनी,अमोधिनी, विशोधिनी, ऋतम्भरा। नमन,नमन,नमन तुझे स्वदेश की परम्परा।। समन्वयी स्वभाव है , अटूट संविधान का । अजस्त्र भारतीयता , स्वरूप है विहान का। त्रिरंगिनी ,अभंगिनी,उमंगिनी, निरंतरा। नमन,नमन,नमन तुझे स्वदेश की परम्परा।। अदम्य शौर्य की ध्वजा , अनंतता है ज्ञान की । कहानियाँ अमर हैं मातु , तेरे स्वाभिमान की । सुहासिनी,प्रभासिनी,उरासिनी,अलंकरा। नमन,नमन,नमन तुझे स्वदेश की परम्परा।। @सोनरूपा आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं. #AazadiKaAmritMahotsav #IndependenceDay #FifteenAugust ©Ashu Shukla copied #Sky