जिन्दगी बदल रही है करवटें कई मस्तकों में छापती है सिलवटें नई जिन्दगी मेरी जिन्दगी कर किनारा हो सबर तो फासले बढा़ जीवन्त ख्वाहिसों को अपनी शूलियाँ चढा़ कठिनाइयों में हर कदम तू हौसला तो रख है जिन्दगी अजीब तो हर गम को भूल जा हर गम को भूल जा जरा जरा सा मुस्कुरा पेशानियों में खिंचने ना दे चिन्ता की लकीर जिन्दगी बदल रही है करवटें कई मस्तकों में छापती है सिलवटें नई जिन्दगी मेरी जिन्दगी सबको खुशियाँ बाँट सबका हौसला बढा़ दे मिशालें खुद कर खुलके सामना कडा़ न बंदिशों मे बाँध खुदकी न धार कुंद कर नसीबों में कैद ठोकरों को जमके ठोकरें लगा ठोकरों में ठोकरें टकराने दे सही योगदान दे मिलेंगी गुरबतें यहीँ जिन्दगी बदल रही है करवटें कई मस्तकों में छापती है सिलवटें नई जिन्दगी मेरी जिन्दगी #तर्ज - ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे