बंद बंद दरवाजों सा मै, एक दरख़्त अंधियारों सा मैं दम तोड़ती उम्मीद जहां पर, उन काले गलियारों सा मैं राहतें नहीं मेरी राहों में, ना छांव कोई है सुकून सी बस पसरा है एक सन्नाटा जो कहे यहां कोई बसता नहीं नादान थे वो जो समझाते, बेखबर थे वो जो झुंझलाते वो अपने थे जो कहते थे. इन राहों के हैं आदि कई, इन राहों का कोई अंत नहीं कई पुश्तों को है तबाह किया, कई रूहों को है रुसवा किया मेरे रुतबे ने हंसते हुए कई लोगो को है फना किया जिस गली से भी मैं गुज़रा हूं, आबो हवा को मैने बदल दिया ऊंची ऊंची मीनारों को एक पल में मैंने खाक किया.. फिर भी मेरी एक झलक ने ही कई सरताजों को है झुका दिया.. इन राहों का कोई अंत नहीं, इन राहों के हैं आदि कई... दम तोड़ती उम्मीद जहां पर उन काले गलियारों सा में बंद बंद दरवाजों सा मैं, एक दरख़्त अंधियारों सा मैं.. एक और पुरानी शब्दों की हेरा फेरी.. कहानी है उस मादकता की जो खुले आम कहीं भी किसी भी तरह किसी बी रूप में मिल जाएगी जिस से कोई अछूता नहीं है, ना आप ना मैं जो अपने आप का गुणगान कर रही है मुंह चिढ़ा रही है हम सबकी संकल्प तथा दृढ़ इच्छा शक्ति को नशे में चुर #नशे को समर्पित एक और नकारात्मक विचार। #आशय #words #addiction #napowrimo YourQuote Didi Best YQ Hindi Quotes YQ Sahitya #wiredwords #ashay #bullahitblog Roli Abhilasha