हिंदी**** एक दिन लिखने का शौक चर्राया कागज़, कलम उठा डेरा जमाया लेकिन,,,,सिर मुंडाते ही ओले पड़े एक सज्जन तभी बीच में बोल पड़े 'क्यों समय बर्बाद कर रहे हो लिख कर रद्दी तैयार कर रहे हो'??? हैरत से मैंने उसको ताका क्या भाव है कहने का लगाया उसका तकाज़ा..... वह बोले...ऐसे क्यों देख रहे हो? कौन पढ़ेगा उसको...जो तुम लिख रहे हो ? अंग्रेजी के युग में कहां हिंदी में दिमाग खपा रहे हो' सुन उसके विचार मन हुआ व्यथित,,, मैंने कहा...भाई क्या बोल रहे हो क्यों भाषा को तोल रहे हो??? अंग्रेज़ी का चश्मा उतार,ज़रा गौर से देखो साहित्य के आसमान पर अनगिनत कवि और लेखक टिमटिमा रहे हैं... एक नई पहचान हिंदी को दिला रहे हैं,,, भाषा चाहे कोई भी हो अंग्रेजी या हिंदी,,, पर मन के भाव जो व्यक्त करे पूर्ण रूप से,,, हमें तो है भाती बस वो प्यारी हिंदी, एक दिन लिखने का शौक चर्राया कागज़, कलम उठा डेरा जमाया लेकिन,,,,सिर मुंडाते ही ओले पड़े एक सज्जन तभी बीच में बोल पड़े,,,, 'क्यों समय बर्बाद कर रहे हो लिख कर रद्दी तैयार कर रहे हो' हैरत से मैंने उसको ताका