शाम की ग़र्दिश में, तुम्हारा मुझसे, उस चाँद का ज़िक्र करना उस ग़र्दिश की निग़ाहें पूर्णिमा के चाँद पर, और मेरी तुम्हारे चेहरे पर। उस क्षण तेरे चेहरे की मुस्कान से जो सुकूँ मिला था मुझे, वो उस चन्द लम्हों में, चांद को देखकर भी न मिलता कभी...... (रितेश रंजन) पूर्णिमा के चांद पर...... #moon #nojotohindi #nojotoquote #nojoto #shayari #poem #love #ishq