मेरे दिल के अंदर धकडम पकड़म होई कि अब का होई, कि अब का होई, जब हम से नजर मिलाई, कहि कोने माँ घुस जाई, इज्जत के फालूदा अब हम कैसे लैई बचाए कि जियरा धकड़म पकडम होई जनरल बोगी से काले कोट मै ज़ुल्मी आया, तब मैं तो बहुत सकुचाई, और ये भी बहुत घबराया, कि दीन्हा हाथ टिकट पकडाई कि जियरा. उहमरी सकल देख के बोला कहा घूम रहे हो मनडोला, जनरल के टिकट संभाले, हऊ एसी मै डेरा डाले, तूमका होई है पक्का जेल कि जियरा... Train