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एक खूबसूरत शाम और नदी का किनारा हो। हवा में उड़ते

एक खूबसूरत शाम और नदी का किनारा हो।
हवा में उड़ते तेरा रूपट्टे को मेरे चेहरे का सहारा हो।
और वहां की कुल्हड़ वाली चाय के कुल्हड़ पर होंठों का निशान तुम्हारा हो 
एक खूबसूरत शाम हो , और तेरे सिर को मेरे कन्धों का सहारा हो


सिर्फ तुम हो , मै हुं, और नदी का किनारा हो 

A R Khushwant Deo -Jeet Kumari Rinu Sunita Shaw Birendra Thakur 
खूबसूरत शाम और नदी का किनारा
एक खूबसूरत शाम और नदी का किनारा हो।
हवा में उड़ते तेरा रूपट्टे को मेरे चेहरे का सहारा हो।
और वहां की कुल्हड़ वाली चाय के कुल्हड़ पर होंठों का निशान तुम्हारा हो 
एक खूबसूरत शाम हो , और तेरे सिर को मेरे कन्धों का सहारा हो


सिर्फ तुम हो , मै हुं, और नदी का किनारा हो 

A R Khushwant Deo -Jeet Kumari Rinu Sunita Shaw Birendra Thakur 
खूबसूरत शाम और नदी का किनारा