एक खूबसूरत शाम और नदी का किनारा हो। हवा में उड़ते तेरा रूपट्टे को मेरे चेहरे का सहारा हो। और वहां की कुल्हड़ वाली चाय के कुल्हड़ पर होंठों का निशान तुम्हारा हो एक खूबसूरत शाम हो , और तेरे सिर को मेरे कन्धों का सहारा हो सिर्फ तुम हो , मै हुं, और नदी का किनारा हो A R खूबसूरत शाम और नदी का किनारा