*✍🏻“सुविचार"🖋️* *📚“27/9/2022”🙏🏻* *📙“मंगलवार ”💫* *“सहनशीलता”* *मां का दुसरा बड़ा “गुण”,कहते है “धरती” 🌏 से “सहनशील” कोई और नहीं* *उसे “खोदने” के पश्चात भी “धरती” हमें “फसल” देती है,* *किंतु “मां” यह “मां” धरती से कम “सहनशील” नहीं है...तनिक सोचिए* *“9 माह” तक संतान को अपनी “कोख” में रखना,क्या यह “सहनशीलता” कोई “पुरूष” दिखा सकता है ?* *क्या यह “सहनशीलता” कोई “पिता” दिखा सकता है ?* *स्त्री “स्वभाव में शील” भले ही हो लेकिन “सहनशीलता” की परिभाषा उसे “मां” बनने के पश्चात प्राप्त होती है,“स्वयं का अस्तित्व” भुलाकर “संतान” का अस्तित्व बनातीं है,* *“शिशु की लात” खाकर भी आनंद से उसे “दूध” पिलाती है* *यह होती है मां और इसी मां को हमारा शत-शत प्रणाम...* *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"🖋️* *📚“27/9/2022”🙏🏻* *📙“मंगलवार ”💫* #Good_Positive #positivity