पैमानों का नशा तो फिर भी टूट जाता है निगाहों से तेरी मैं घायल होना चाहता हूं तेरे ज़िक्र ने बढ़ा दिया है मुश्किलों को मेरी हर ज़िक्र में तेरे मैं शामिल होना चाहता हूं लोग मांगते हैं खुदा से हर दिन नया कुछ मैं इश्क में तेरे कामिल होना चाहता हूं सिलसिले ख़त्म करना अब मुनासिब नहीं है टूटकर मैं अब फिर से काबिल होना चाहता हूं... © abhishek trehan #सिलसिले #काबिल #कामिल #इश्क़ #फ़ना #yqdidi #yqquotes #manawoawaratha