उस रास्ते पर निगाहें क्या अब तक है उस दर्द की वो आहें क्या अब तक है कोई चला गया था,रुठ कर कभी उनसे इंताजर में फैलाई,वो बाहें क्या अब तक है पल भर भी जो निगाहों से दूर नहीं रखती थी किसी को तलाशती वो निगाहें क्या अब तक है #आहें#निगाहें