बंद रखते हैं लब हम, अब बोलते नहीं, मतलबी रिश्ते हैं यहां, टूटता तारा से क्यों मांगते हो मुराद,जिसको निकाला हो उसके ही कहकशां। #amरोज़ी_संबरीया कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें। √आज का विषय है ' टूटता सितारा ' । √ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है Santosh Waghade जी। √ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।