मेरी खूबसूरत गलतफहमी थी या हसीन ख्वाब थी तू मेरी मोहब्बत थी या मोहब्बत की एहसास थी तू कितना दर्द दिया कितना तड़पाया है तूने कैसे खुश रह पाओगी बिना मेरे कल तक अपनी खुशियाँ लुटा कर मुस्कान लाता था तेरे लिए आज अकेले में सोचकर तड़प जाता हूँ मैं कल दुआओं में तेरी खुशियाँ मांगता था मैं आज दुआ करना ही छोड़ दिया मैंने खुद को तो फिर भी समझा लेता हूँ मैं पर अपने दिल को मनाऊँ कैसे मेरी #खूबसूरत #गलतफहमी थी या #हसीन #ख्वाब थी तू मेरी #मोहब्बत थी या मोहब्बत की #एहसास थी तू कितना #दर्द दिया कितना #तड़पाया है तूने कैसे #खुश रह पाओगी बिना मेरे कल तक अपनी #खुशियाँ लुटा कर #मुस्कान लाता था तेरे लिए आज अकेले में सोचकर #तड़प जाता हूँ मैं कल #दुआओं में तेरी #खुशियाँ मांगता था मैं आज #दुआ करना ही छोड़ दिया मैंने