मेरे नसीब में जो मेरे नसीब में नहीं लिखी है। वो अपने मेहनत से लिखूँगा । जो एक बार मेहनत करने से नहीं मिली है। वो इस बार और ज्यादा जुनून से करूँगा । जो मेरे मंज़िल को पाने में रास्ता नहीं देता है । अब उस चट्टानों को भी चिर कर आगे निकलूँगा । बड़ी मुश्किल से ज़िंदगी मिली है। इतनी जल्दी से हार कैसे मान जाऊँगा । मिटा दूँगा हाँथों पे बनी लकीरों को । कर्म के छालों से हथेली पे जो नसीब लिखूँगा। - Ram N Mandal Jo mere nasib me nahi likhi hai. Vo apne mehanat se likhunga. Jo ek baar mehanat karne se nahi mili hai. Vo is bar aur jyada junoon se karunga. Jo mere manzil ko pane me rasta nahi deta hai. Ab us chattanon ko bhi chir kar aage nikalunga.