हर रोज दिन के उजाले में इस - कदर खो जाता हूं में, कि कभी - कभी रात की ख़ामोशी से डरने लगता हूं , पता नहीं क्यों मगर ज़िन्दगी के शोर में, दिल की वो खामोशी मुझे सोने नहीं देती, कभी जब थक जाता हूं तब खुले आसमां के नीचे, फैली हुई उस जमीं से ऊपर की ओर देखता हूं , तो ऐसा लगता है मानो हवा कुछ कह रही हो बार बार मुझे छू कर गुजरती है , और एक पल में ज़िन्दगी के वो हसीं पल फिर से एक एक करके सामने आने लगते हैं जिन्हें कभी ना कभी किसी ना किसी के साथ में जी चुका हूं वाह रे ! ज़िन्दगी अजीब है तू , ज़िन्दगी की हर एक यादों से लजीज है तू,, -Dhruv singh #dhruvsingh #zindagi #story #teriyaad #sunkissed