नज़रे इनायत कर ख़ुदा मेरे, तेरे रहम पर ही मैं जी रहा हूँ ख़ता हुई जो मुझ से माफ़ कर, इल्तिजा तुमसे कर रहा हूँ नादां इंसान हूँ ए-मालिक अपने कर्मों से हैरान, परेशान हूँ इबादत का तरीक़ा नहीं पता, सब कर्मों से मैं अनजान हूँ रमजान:_ इबादत (01/30) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #अल्फाज_ए_कृष्णा #kkइबादत