परिप्रेक्ष्य भाग्य का निर्जीव पड़ा है अति से निर्धारित,समग्रता अजीव खड़ा है सम्वर्धन भाग्य-कोष का अलौकिक भरा है लौकिकता से परे यह अभौतिक घड़ा है हार या जीत से अनुप्राणित मौकापरस्त बड़ा है आवृत्त भाग्य में चैतन्य पूर्ण मरा है भाग्य में अन्तर्भेद नही कोई जड़ा है मानव का उद्र्ग्रीव योग्यता से विच्छिन कभी नही मन हरा है । (कर्म प्रधान है।मेरा भाग्यवादिता में विश्वास नहीं) हमारा जीवन भले ही संघर्षों से घिरा हो...।लाख समस्याएं हो...जो स्वाभाविक भी है...यहाँ तो एक छोटी सी चीटि को भी अपना जीवन संघर्ष व परिश्रम करके बिताना होता है...। सो हम आप तो मनुष्य है...।, कहने का तात्पर्य यहि हैं कि समस्याएँ तो नियति की देन है...पर हमे इस बात को सदैव याद रखना चाहिए कि हर हाल में जीतना हमारा अधिकार हैं...!!...बिना निराश हुए अपने कर्तव्य कर्म को करते रहना चाहिए...!! .. .. .. #akash_tiwari97 #yqdidi #yqhindi #yqbaba #struggle #lovequotes #love #YourQuoteAndMine Collaborating with Akash Tiwari (अनंत)