पप्पू ने कहा मम्मी से मुझे P.M बना दो, जीजा की तरह झोल करू ऐसा कोई मंतर बता दो। मोदी को हरा दू ऐसा कोई तन्त्र बता दो, बहूमत तो ना मिला कम से कम बहु ही दिला दो। अपने 48 के युवा बेटे की शादी ही करा दो। कब तलक मोदी के गले मिल-मिल के जीता रहूंगा, और आँख मार-मार के दर्द सिता रहूंगा। मम्मी जी इसपर फुटकर रोने लगी, और आँसु पोछ कर दर्द की कहानी कहने लगी। मेरे बेटेे ना अब कोई तन्त्र चलेगा, इस मोदी के सामने ना कोई षडयंत्र चलेगा। आया जो मोदी नाम का आरी वो अब पात-पात काटेगा, पात-पात काटेगा और डाल-डाल छाटेगा। जीजा की भी हालत अब खस्ता हैं, उसको भी मिला ना कोई बचने का रस्ता है। इस दर्द पर मनमोहन मंद-मंद मुस्काए, मुसकाए और दौड़कर मैडम के पास आये। बोला मैडम जी इजाज़त हो तो मैं भी कुछ बोलू, आपकी ख़िदमत में अपना मुँह खोलू। बोल-बोल कर आलू से सोना बिटुआ ना निकाल पाए, एक मौका मुझे फिर से देकर देख लो। इस बार फिर तुमको चुप रहकर जीता दू, मौन रहकर तुमको बहूमत दिला दू। पीछे से बोल पड़ी जनता अब हम मुर्ख ना बन पाएगे, मौन रहो मुँह खोलो,या शिकंजी से कोको कोला बना लो। हम तो फ़िर से मोदी जी को ही जीताएगे। #nakli_gandhi_ka_drd