हर रंग है ख़ुद में पूरा कोई श्याम कोई भूरा..! नारंगी बनता नहीं तब तक मिलता नहीं लाल में पीला! सबसे ताकतवर है जल की शक्ति मिल जाती जब बूंदे कुछ गहरा रंग पड़ जाता हल्का हृदय भी होता तब तब हल्का जब जब अश्रु है आँखों से छलका..! कुछ अलग सोच, भाव लिए लिखने की अदना सी कोशिश..! यह रचना उनके लिए जिन्होंने मुझसे कहा कि आप रोज लिखो आपको पढ़ने रोज आती हूँ और नहीं लिखते तो profile घूम आती हूँ..! उनका नाम नहीं लिखेंगे बस यह समझ लें कि वो एक एहसास से, विश्वास से कहकर गये हैं..! आप सभी के प्यार के लिए आपका आभार बहुत सारा..! End थोड़ा विचित्र लगेगा but यही सच है दोस्तों, रोकर मन हल्का सा लगता है..!