नमन तेरी दृष्टि सीमा को नमन तेरी दानाई, माथे पर शिकन तक ना ओ जीस्त ए आराई, तपती हुई मुश्किलों की धूप में तुम शीत लहर, तेरे साथ मुकालमा में गोया फ़ैज़ान ए नज़र, ओ माँ मुश्किलों में ब्रह्म ज्ञान हो तुम, मेरी अंतरात्मा का अंतर्ध्यान हो तुम। दानाई: अक्लमंदी जीस्त ए आराई: जीवन संवारना मुकालमा : संवाद फ़ैज़ान ए नज़र: किसी योगी के प्रशिक्षण का फल 🌷सुप्रभात🌷 🔴 प्रतियोगिता संख्या - 01 ...