#RIPPriyankaReddy हो अगर बस में तेरे तो, फिर तू सबका कर भला.. ना किसी का दिल दुखा, ना ही किसी का घर जला.. सुर्ख पत्तों पर लिखी है, दास्ताँ-ए-जिंदगी हमने, अब हवाओं पर ही है, किस्मत का अपनी फैसला.. इक पेड़ था जो कट गया, वहांँ शामियाना बन गया, लेकिन उजड़ कर रह गया, नन्हें परों का घौंसला.. जो मोहब्बत हो किसी से, और बिछुड़ना ना चाहो , बढ़ती रहेगी ये मोहब्बत, ज़रा रखना कायम फासला.. कांँप उठी होगी वो रूह भी, खून के आंँसू रोई होगी, बहुत गिड़गिड़ाई भी होगी पर, माना नहीं वो मनचला.. जला दिया इक मासूम को, जिस्म से उसके खेलकर, हो सजा ऐसी मुकर्रर ,जिससे खत्म हो यह सिलसिला.. रास्तों की ठोकरों ने हमको बस इतना सिखाया, मंँजिल मिलेगी एक दिन, सच्चा अगर हो हौंसला.. तुम मुझे ना भूल जाओ, इस नए शहर की भीड़ में , कसम खुदा की दिल का मेरे, बस यही है मसअला.. लाख आंँधी तुफांँ आए, फिर भी था डटकर खड़ा, बन गया 'अद्भुत' समय की, मार से इक जलजला.. © चीनू शर्मा 'अद्भुत' #अद्भुत_अल्फ़ाज़ #एक_ग़ज़ल #justice_for_priyanka_Reddy हो अगर बस में तेरे तो, फिर तू सबका कर भला.. ना किसी का दिल दुखा, ना ही किसी का घर जला.. सुर्ख पत्तों पर लिखी है, दास्ताँ-ए-जिंदगी हमने, अब हवाओं पर ही है, किस्मत का अपनी फैसला.. इक पेड़ था जो कट गया, वहांँ शामियाना बन गया, लेकिन उजड़ कर रह गया, नन्हें परों का घौंसला.. जो मोहब्बत हो किसी से, और बिछुड़ना ना चाहो ,