---- नज़र का फेर। नज़र नज़र का ही फेर है ये, किसी नज़र में राजा हो तो किसी नज़र में रंक।। नज़र नज़र का ही फेर है ये, कि तुम किसी कि नज़र में आशिक तो किसी कि नज़र में दिलजले हो।। ये नज़र का ही तो फेर है, नज़र के सामने होकर भी नज़र से दूर हो।। ये नज़र ही केसी, जिसमें तुम बड़े छोटे में अंतर न कर पाओ, बस ये एक नज़र नज़र क ही फेर है।। जिस नज़र से तुम दिखती हो, उसी नज़र से सारा जहां, बस ये नज़र का ही तो खेल है, कि तुम्हारी नज़र हम कुछ है और किसी कि नज़र में कुछ।। मेरी नज़र में तुम मेरा प्यार हो तो, किसी कि नज़र में तुम उसकी बेटी या बहन हो। बस ये एक नज़र नज़र का ही फेर है।। बस ये नज़र नज़र का हि फेर है कि बुरे वक्त पर, लोग रिश्ते बदल लेते हैं, नज़र फेर लेते हैं।। किसी कि नज़र में इतना न गिर जाऔ, कि अपनी नज़र में भी न उठ पाओ। ये नज़र नज़र का हि फेर हैं।।। धन्यवाद।।। #नज़र का फेर।