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जिन्दगी कि दौड़ मे जब खुद को हारा पाया मैंने, रूक

जिन्दगी कि दौड़ मे जब खुद को हारा पाया मैंने,
रूक कर देखा तो अपने पास अपने दोस्तो को खड़ा पाया मैंने,
बड़े कमीने है ये अजी बड़े कमीने है ये,
जीती हुई बाजी भी छोड़ आते है।
मैं हुं अगर परेशानी मे ये जान कर दौड़ आते है,
सलामत रखे इन्हे ऊपर वाला,
हर मन्नत पूरी हो जाऐ इनकी,
जन्नत मिले इन पागलो को,
बस ये दुआ कुबूल हो जाऐ मेरी... #_दोस्त
जिन्दगी कि दौड़ मे जब खुद को हारा पाया मैंने,
रूक कर देखा तो अपने पास अपने दोस्तो को खड़ा पाया मैंने,
बड़े कमीने है ये अजी बड़े कमीने है ये,
जीती हुई बाजी भी छोड़ आते है।
मैं हुं अगर परेशानी मे ये जान कर दौड़ आते है,
सलामत रखे इन्हे ऊपर वाला,
हर मन्नत पूरी हो जाऐ इनकी,
जन्नत मिले इन पागलो को,
बस ये दुआ कुबूल हो जाऐ मेरी... #_दोस्त