जब माथे कलंक सजा हो, हाथों पे अटका काला ध्वजा हो, जब नारी का मिटता अभिमान हो, फिर बताओ कन्या का पूजन कैसे हो। यहां लोग कन्याओं से अपनी भूख मिटाते है, अपनी लिप्त वासनाओं में इनका निशान मिटाते है, ढोंग दुनिया के सामने क्यों देवी भक्त बनते हो, लूटते अस्मत को फिर कन्या पूजन कैसे हो। ममता का मोल चंद रुपयों मा लगाते हो, अपनी बहनों का सौदा सरे आम कर आते हो, दुर्गा के शक्ति के स्वरूप को आहत कर जाते हो, तोड़ के धागा विश्वास का कन्या पूजन कैसे हो। दुर्गा अष्टमी के दिन विशेष रूप से कन्या पूजन की प्रथा चली आ रही है। एक ओर जहां हम कन्याओं का पूजन करते हैं वहीं दूसरी ओर समाज में उन्हें समान अधिकार और सम्मान से वंचित भी रखा जाता है। इस विरोध की स्थिति में कन्या का पूजन कैसे हो। अपने विचार लिखें। Collab करें YQ DIDI के साथ। #दुर्गाअष्टमी #durgaashtami #yqdidi #कन्यापूजन