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तुम.. बैठी मैं कब से , काग़ज़ ताक रही हूं अटके पड़

तुम..
बैठी मैं कब से , काग़ज़ ताक रही हूं
अटके पड़े ज़ेहन में लफ्ज़
 कुछ उफन रहे हैं सीने में...
 पर नहीं जम रहे वे पन्नों पर,
 फिसल फिसल भाग रहे हैं..
  रह-रह कर बस एक तेरे 
  नाम पे अटक जाते हैं...
  चल मुकम्मल करती हूं
   सिर्फ और सिर्फ ..
      'तुम'  लिखकर.... #तुम
#जे़हन
#यूंही_कभी 
#एकख्याल 
#तूलिका
तुम..
बैठी मैं कब से , काग़ज़ ताक रही हूं
अटके पड़े ज़ेहन में लफ्ज़
 कुछ उफन रहे हैं सीने में...
 पर नहीं जम रहे वे पन्नों पर,
 फिसल फिसल भाग रहे हैं..
  रह-रह कर बस एक तेरे 
  नाम पे अटक जाते हैं...
  चल मुकम्मल करती हूं
   सिर्फ और सिर्फ ..
      'तुम'  लिखकर.... #तुम
#जे़हन
#यूंही_कभी 
#एकख्याल 
#तूलिका
tulika3350361195569

Anamika

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