तसव्वुर महंगे है ख्वाब तेरे, होता न दीदार है, तेरे मेरे मकां के बीच खडी़ इक दीवार है। तन्हा हूँ आज मैं जरा, दिल ए वीरान है, इन आँखों में बसा खयालों का बाज़ार है। मयख़ाने की सारी शराबें बे असर है, इन होठों पे चढ़ा बस तेरा ही ख़ुमार है। तेरे तसव्वुर में अब हाल कुछ यूँ है, मैं ठीक हूँ , दिल मेरा बीमार है। तसव्वुर महंगे है ख्वाब तेरे, होता न दीदार है, तेरे मेरे मकां के बीच खडी़ इक दीवार है। तन्हा हूँ आज मैं जरा, दिल ए वीरान है, इन आँखों में बसा खयालों का बाज़ार है।