हमें भी जरूरत है कुछ सकूं के पलों की, निरंतर चल रही ए जिंदगी जरा विराम तो लेले, थक गए हैं हम इम्तिहान देते देते, अब थोड़ा तू भी आराम लेले। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻 सभी प्रतिभागी अपनी अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं 💗 पंक्तियों की बाध्यता नहीं है. 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें