#ठिठोली माँ आज हँस ले ना तू भी, बहुत बरस हुए मुस्काई ना तू, बिता दिया जीवन बन त्यागी, खुशियां भी कुछ पाई ना तू, थक जाती थी, फिर भी भागी, अपने बच्चों के खातिर तू, खुद पीड़ा में रोई हो कितना, पर हम रोते तो हँसाती तू, चल छोड़ आज ये घर के काम, बन हम सबकी आज हमजोली माँ, कुछ तू कह, कुछ हम कहते हैं, करतें हैं आज हँसी ठिठोली माँ, भूल जा ग़म सारे तू, चल करते हैं ऐसा सौदा माँ, बन जाता मैं कान्हा तेरा और तू मेरी यशोदा माँ । @ऋषि 'राज' सिंह #thitholi #rkalamse #rshayari #hindi_poetry #nojotohindi #nihshabdhhindi #nihshabdhwriters #MothersDay