हंसने वाले मुझ पर हंसते बहुत है मतलबी रिश्ते वाले हमसे मिलते बहुत है अब उन्हें कौन बताए प्यार क्या है दिल से अपने लगाने वाले रोते बहुत है कुछ वक्त गुजरा अपना मुफलिसी में मैंने देखा तेरे दिल में मोहब्बतें बहुत है दुश्वारियों का पता नहीं चलता अब क्यूंकि मुझसे मिलने वाले चाहते बहुत है इक जमाना हुआ अपनों से बिछड़े हुए बेमतलब चाहने वाले हमें दिखते बहुत है सवालों जवाबों का दौर जारी रहा आरिफ अपनों का हिसाब किताब मिलाते बहुत है हंसने वाले मुझ पर हंसते बहुत है मतलबी रिश्ते वाले हमसे मिलते बहुत है अब उन्हें कौन बताए प्यार क्या है दिल से अपने लगाने वाले रोते बहुत है कुछ वक्त गुजरा अपना मुफलिसी में मैंने देखा तेरे दिल में मोहब्बतें बहुत है