मोहब्बत का सुहाना मौसम जिंदा है, आज भी वो लम्हा ज़िंदा है, जब थामा था तुमने मेरा हाथ, देख हथेली के ज़ख्मों को रोए थे, घाव भर ही जाते है जो नज़रों में आते है, उन घाव का क्या जो यादों में दर्द दे जाते है, क्यूं के मुझे तू अब भी ज़िंदा है।। -उttam #srkrtalk #srkrtalk #उttam