कब तक आखिर मै नाचता रहू तुम्हारी अँगुलियों. पर मै कोई कठपुतली नहीं इंसानी किरदार हूँ सोचा था इस जन्म मे मुझे कुछ नया देखने को मिलेगा पर ये तो वही पुराना संसार है इसे देख मै ऊब गया हूँ सुना था राम की अदालत है यहां सबको न्याय मिलेगा पर यहॉं तो मै सीताओं को भी कठघरे मे खड़ा देखता हूँ चलता रहा ताउम्र मै नयेलोगो की नई सोच क़े साथ पर मुझे मिला क्या है मै तो आज भी वहीं खड़ा हूँ i इस संसार ने जो जहर दिया दवाई समझ कर गटक लिया मैंने अब मै ज़न्नत मे पहुंच अपने लिए दुआ मांगता हूँ ©Parasram Arora #इंसानी किरदार......