अमा की रात थी काली चाँद!तुम भी नहीं थे तब उस पल सियाहे में उतरे थे हम खाली गले तक डूबकर देखा रात की राख के भीतर कोरी कोर ने क्याकर आँखें ही जला डाली #endlesswait