#कविता1 वो जो है और जो नहीं , दिल से दिल को जोड़ता, शाम है ,जाम है, और गमगीन आंखें, पर फिर भी क्यों ,तड़प नहीं छोड़ता । वह जो है और जो नहीं, दिल से दिल को जोड़ता । सब ने चाहा पास हो, जुड़ कर रहे । हमने भी कोशिश की ,जी तोड़ चाहा । यहां अपने ही अपनों से तोड़ता । वो जो है और जो नहीं , दिल से दिल को जोड़ता। वो जो है और जो नही ©marks on line #Light