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☺️😂😡😭ये इमोजी/स्माइली न👍👌👨‍❤️‍👨🎂 शब्द   

☺️😂😡😭ये इमोजी/स्माइली न👍👌👨‍❤️‍👨🎂

शब्द        होते      जा     रहे      हैं     लुप्त     अब। 
भावनाएं     हो       रही       हैं        सुप्त       अब।।
                                                        👁️‍🗨️
कौन   यह   जहमत   उठाये,  बात  शब्दों  में  बताये।
भावना तन-मन की अपने, शब्द में लिखकर जताए।।
                                                       🤲
अब तो जो ये आ गए, अभिव्यक्ति के नित नव तरीके।
मौन  रहकर   बोलने   के,  जो   सिखाते  हैं  सलीके।।
                                                    🤗
आधुनिकता    ने     इसे,   "इमोजी"  कहकर  पुकारा।
बन  गया  यह  मूक, अनपढ़,  बुद्धिमानो  का सहारा।।
                                                  😍
दिन गए जब बात छोटी कह के या लिखकर दिखाते।
सुन के या फिर पढ़ के जिसके भाव अंतर में समाते।।
                                                  😜
अब  कठिन   है   लेखनी, क्षमता  से  पढ़ना  आदमी।
है   सरीखे   एक   से   सब,  मूढ़   हों   या   काज़मी।।
                                               🤔
प्रेम  है,  गुस्सा  है  या  फिर  हँस  रहा  या  रो  रहा है।
बिन  कहे  या  बिन  लिखे, स्माइली  सब कह रहा है।।

                                                   ✍️ ............कौशल तिवारी











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©Kaushal Kumar #इमोजी
☺️😂😡😭ये इमोजी/स्माइली न👍👌👨‍❤️‍👨🎂

शब्द        होते      जा     रहे      हैं     लुप्त     अब। 
भावनाएं     हो       रही       हैं        सुप्त       अब।।
                                                        👁️‍🗨️
कौन   यह   जहमत   उठाये,  बात  शब्दों  में  बताये।
भावना तन-मन की अपने, शब्द में लिखकर जताए।।
                                                       🤲
अब तो जो ये आ गए, अभिव्यक्ति के नित नव तरीके।
मौन  रहकर   बोलने   के,  जो   सिखाते  हैं  सलीके।।
                                                    🤗
आधुनिकता    ने     इसे,   "इमोजी"  कहकर  पुकारा।
बन  गया  यह  मूक, अनपढ़,  बुद्धिमानो  का सहारा।।
                                                  😍
दिन गए जब बात छोटी कह के या लिखकर दिखाते।
सुन के या फिर पढ़ के जिसके भाव अंतर में समाते।।
                                                  😜
अब  कठिन   है   लेखनी, क्षमता  से  पढ़ना  आदमी।
है   सरीखे   एक   से   सब,  मूढ़   हों   या   काज़मी।।
                                               🤔
प्रेम  है,  गुस्सा  है  या  फिर  हँस  रहा  या  रो  रहा है।
बिन  कहे  या  बिन  लिखे, स्माइली  सब कह रहा है।।

                                                   ✍️ ............कौशल तिवारी











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©Kaushal Kumar #इमोजी