2212 2212 2212 2212 ये जो फ़लक है ये कहाँ है, ये तिरे आँखों में है। ये जो ज़मीं है ये कहाँ है, ये तिरे कदमों में है। जो तिश्नगी तूने मिरी समझी नहीं, क्या मैं करूँ? ये जो शरर है, आग है अब, ये मिरे सीने में है।। Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "फ़लक" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: