झोका हवा का जब भी आयेगा कुछ तो है जो बिखर जायेगा इश्क़ के पहलु हो रिश्ते हो या मोती हो जो बिखर गया एक रोज़ शायद फिर सिमट ना पायेगा कुछ तो है जो बिखर ही जायेगा सुमित रावल #झोका