"फ़रियादी है तेरे दरबार में ओ कान्हा, सुनो फ़रियाद हमारी, करो कृपा थोड़ी सी कान्हा जो मिल रहा ज़िंदगी में यह, कर्मों के बंधन कान्हा मुक्त करो इन बंधनों से, आये शरण तिहारी कान्हा" 🎀 Challenge-188 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 दो पंक्तियाँ, चार पंक्तियाँ या फिर 30 शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 Font छोटा रखिए ताकि वालपेपर खराब न हो।